हैदराबाद।
खनन क्षेत्र में लैंगिक समानता की दिशा में सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। एससीसीएल महिला कर्मचारियों के लिए दो कोयला खदानें एक खुली खदान और एक भूमिगत आवंटित करने की तैयारी कर रही है।
एससीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन बलराम ने कहा कि कंपनी दो खदानों की पहचान करने की प्रक्रिया में है, जहां महिलाओं को तैनात किया जाएगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो परिचालन अगले महीने से शुरू हो सकता है।दरअसल, पहले भूमिगत खनन गतिविधियां केवल पुरुषों तक ही सीमित थीं। कई कारणों से महिलाएं वहां नहीं थीं, लेकिन सेना, नौसेना और वायु सेना जैसे संगठनों ने भी महिलाओं को महत्वपूर्ण शाखा में रखना शुरू कर दिया है। कोल इंडिया ने भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर भागीदारी शुरू कर दिया है। एन बलराम ने कहा, हमने सोचा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को भूमिगत खदान के काम में भी लगाया जाए। शुरुआत में हमने एक खुली खदान और एक भूमिगत खदान विशेष रूप से महिलाओं के लिए आवंटित करने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने कहा कि एससीसीएल ने पहले ही 16 स्थानों की पहचान कर ली है, जहां महिलाओं को रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि खदानों को आवंटित करने से पहले कई सावधानियां बरतनी चाहिए और भूमिगत खदानों में काम करने का विकल्प चुनने वालों को 10 से 12 दिनों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारी इस विचार को लेकर उत्साहित हैं। आकार के आधार पर एक सामान्य खदान को संचालित करने के लिए 120 से 200 कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।
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