कोरबा।
वनमंडल कोरबा में हाथी समस्या समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है बल्कि और भी बढ़ता जा रहा है। बीती रात 29 हाथियों का दल धरमजयगढ़ डिवीजन से कुदमुरा पहुंच गया है जिससे कोरबा वनमंडल में हाथियों की संख्या 80 के लगभग हो गई है।
50 हाथियों का झुंड पहले ही करतला रेंज में मौजूद है। हाथियों का यह दल बोतली व पीडिया क्षेत्र में मौजूद था जिसे ग्रामीणों द्वारा भगाए जाने पर अब बड़मार जंगल पहुंच गया है। दल को आज सुबह यहां के कक्ष क्रमांक 1015 में विचरण करते हुए देखा गया और इसकी सूचना वन विभाग को दी गई जिस पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गया है। चूंकि बड़मार जंगल ब्लॉक मुख्यालय करतला के काफी नजदीक है अत: यहां बड़ी संख्या में हाथियों के पहुंचने से बढ़ते खतरे को देखते हुए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है। बड़मार व आसपास के गांवों में मुनादी कराई जा रही है और ग्रामीणों को जंगल न जाने की सलाह दी जा रही है। जहां हाथियों का दल बड़मार पहुंच गया वहीं घायल हाथी कोटमेर जंगल के कक्ष क्रमांक 1449 में विचरण कर रहा है। हाथी के चोटिल होने के कारण वह ज्यादा नहीं चल पा रहा है और लंगड़ा रहा है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक यह हाथी दो-ढाई सौ मीटर की दूरी तय करने के बाद विश्राम करने लगता है। इस बीच 29 हाथियों की एंट्री कुदमुरा रेंज के गीतकुंआरी क्षेत्र में हो गई है। बड़ी संख्या में हाथियों के अचानक आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हालांकि हाथियों ने तत्काल कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी उत्पात की संभावना बनी हुई है। उधर कटघोरा वनमंडल के पसान व एतमानगर रेंज में मौजूद हाथियों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाए जाने का सिलसिला जारी है। यहां बड़ी संख्या में हाथी घूम रहे हैं जो दिन भर जंगल में रहने के बाद शाम होते ही बाहर निकलते हैं और खेतों में पहुंचकर वहां लगे अरहर व अन्य फसलों को उत्पात मचाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों द्वारा लगातार फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने से ग्रामीण बेहद परेशान हैं। उनमें आक्रोश भी है जो वन विभाग के लिए दिक्कतों का कारण बन सकता है।
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