नैनीताल।
शहर में चौतरफा गहरा रहे भूस्खलन के कारणों की जांच और समाधान को अब विज्ञानी सर्वे करेंगे। शासन स्तर से उत्तराखंड भूस्खलन शमन और प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के विशेषज्ञों की ओर से अगले छह माह तक विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर अध्ययन किया जाएगा। सर्वे के बाद शहर के भूस्खलन समेत अन्य क्षेत्रों का पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा सकेगा। जिसके बाद विधिवत तरीके से भूस्खलन रोकथाम के प्रयासों को धरातल पर उतारा जा सकेगा। साथ ही भविष्य में विभिन्न विभागों की ओर से प्रस्तावित निर्माण कार्यों को लेकर भी बेहतर योजना बनाई जा सकेगी।
शहर पर भूस्खलन का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। शहर की तलहटी पर स्थित बलियानाला हो या शहर की सबसे ऊंची चाइना पीक। टिफिन टॉप, राजभवन मार्ग, ठंडी सडक़, कैलाखान क्षेत्र समेत आबादी भरे चार्टन लाज क्षेत्र में चौतरफा हो रहे भूस्खलन से शहर के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। जिला प्रशासन और जिला आपदा विभाग के स्तर से विभिन्न भूस्खलन क्षेत्रों की रोकथाम को प्रयास किए जा रहे है। मगर भारवहन क्षमता पूरी कर चुके शहर के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है। बढ़ती समस्या को देखते हुए अब उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र की ओर से भूस्खलन स्थलों समेत शहर के हर क्षेत्र का सर्वे किया जाएगा।
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