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सौर सुजला योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बन रही, पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम

सौर सुजला योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बन रही, पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम

महासमुंद ।

राज्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में क्रेडा द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है “सौर सुजला योजना“, जिसका उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से किसान बिजली के अभाव में महंगे ईंधन जैसे डीजल का उपयोग करने से बच कर सस्ते और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत का लाभ उठा रहे हैं। महासमुंद जिले के किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। यहां के लगभग 5649 किसानों ने इस योजना का लाभ लिया है। इस योजना को किसानों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता मिली है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु इस योजना के तहत जिले को 650 नग सोलर पंप का लक्ष्य आबंटित किया गया है जिसके विरूद्व सोलर पंप स्थापित किया जा चुका है।

पहले जिन किसानों को जलस्त्रोत होने के बावजूद सिंचाई के लिए बिजली का अभाव या महंगे डीजल पंपों का सहारा लेना पड़ता था, उन्हें अब सोलर पंप उपलब्ध कराए गए हैं। इससे न केवल उनके खर्च में कमी आई है, बल्कि उनका कृषि कार्य भी निर्बाध रूप से चलता है। सौर पंपों के माध्यम से किसानों ने अब फसलों की सिंचाई सस्ती और आसान तरीके से करना शुरू किया है। विशेष रूप से, जो किसान बारिश पर निर्भर रहते थे, उन्हें अब पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। इससे उनके खेतों में फसल उत्पादन बढ़ा और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। पहले किसानों को परम्परागत विद्युत कनेक्शन के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते थे, और तब भी बिजली की आपूर्ति हमेशा अनिश्चित रहती थी। सोलर पंप के माध्यम से किसानों ने बिजली के निर्भरता से मुक्ति पाई है और उन्हें अब एक स्थिर, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा मिल रही है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रही है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करती है।जिले के विकासखण्ड पिथौरा अंतर्गत ग्राम शंकरपुर के किसान श्री मुक्तिदास साव ने बताया कि वे 3 एचपी का सोलर पंप स्थापित कराया है। जिससे अब सिंचाई का खर्चा कम हुआ है साथ ही फसल का उत्पादन भी बढ़ा है। श्री साव बताते है कि वे अपने खेत में धान और मक्का की खेती अच्छे से कर पा रहा है। मक्के की खेती से कम समय में ही उन्हें 55 हजार का मुनाफा मिला है।

Uditbharatnews News

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