रायपुर ।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि राजनांदगांव आरक्षक भर्ती घोटाले में सरकार दोषियों को बचाने लीपापोती पर उतर आई है। इस मामले में जिस अभ्यर्थी मीना पात्रे ने गड़बड़ी का खुलासा किया था उसी को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया जाना इस बात को साबित करता है कि गड़बड़ी करने वाले किसी भी कीमत पर आरोपियों को बचाना चाहते है और लोग गड़बड़ी उजागर करने सामने नहीं आये। खुलासा करने वाली अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन गड़बड़ी करने वाली संदिग्ध कंपनी अभी भी प्रक्रिया पूरी करने में लगी है। एफआईआर हो गया, एक आरोपी ने आत्महत्या कर लिया लेकिन भर्ती प्रक्रिया अभी तक रोका नहीं गया, इसका मतलब है पूरे घोटाले को सत्ता में बैठे हुए लोगों का संरक्षण है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि राजनांदगांव पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की कुश्ती के बाद भी भर्ती प्रक्रिया जारी रखना और निजी कंपनी को संरक्षण देना भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार जानबूझकर किए गए धांधली पर पर्देदारी कर रही है, निजी कंपनी से मिलीभगत कर सत्ता में बैठे लोग युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अवसर को बेच रहे हैं। एक निजी इवेंट कंपनी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी बिना आडिट के कैसे दे दी गई? घपला उजागर होने के बावजूद भी प्रक्रिया उसी कंपनी के माध्यम करना सरकार की क्या मजबूरी है?
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि ठेके पर सरकार चलाने वाले भाजपाई, अब नौकरी बेचने का काम भी ठेके दे दिए हैं। हैदराबाद की इसी निजी कंपनी को अलग-अलग जिलों में लगभग 6000 आरक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इसी सरकार में ही पूर्व में इसी कंपनी ने वन रक्षकों की भर्ती में फिजिकल टेस्ट के इवेंट को कवर किया था, उस पर भी अनेकों सवाल उठे, लेकिन आज तक सरकार ने जांच कराना तक जरूरी नहीं समझा। भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा सत्ता में बैठे बड़े लोगों के संरक्षण के बिना संभव ही नहीं है। साय सरकार में जरा भी नैतिकता है तो गृह मंत्री को तत्काल बर्खास्त करे।
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